मौन
मौन एक माध्यम है
मन की बात कहने का
अनचाहा सब सहने का
अपने भीतर उतरने का
आत्मा के निखरने का
कई सवालों का जवाब है
जब जीवन उलझी किताब है
देता है कदम कदम पर हौसला
चाहे करना हो कठिन कोई फैसला
तो हो जाओ मौन, शांत चित्त
समेट लो स्वयं को स्वयं में
करो आत्ममंथन,गहन चिंतन
तो हर पहेली आसान लगेगी
जीवन की नई राह खुलेगी
परेशानी के बादल हो जाएंगे दूर
चमकोगे दुनिया में ऐसे ,जैसे हीरा चमके कोहिनूर
*प्रेरणा अरोड़ा*