हमारे ख्वाबों में ....
ख्यालों में .....
ज़हन में .....
कविताओं में....
कहानियों में .....
श्रृंगार की उपमा में ......
बेचैन प्रेमी की बाहों में....
विज्ञान की किताब में.....
ज्योतिष की गणनाओं में .....
ग्रहण में ....
तीज, करवाचौथ की परंपराओं में.....
नीले आसमान में
और कभी-कभी
ध्यान से देखो
तो अपनी आंखों में भी
उभरता है अपना चांद
और जो ना खोज पाओ कहीं भी
तो मुस्कुरा कर देख लेना
आईना भी एक बार
वहां भी नजर आ जाएगा
तुमको मुस्कराता चांद 😍
प्रेरणा अरोड़ा