पूनम का चाँद
उसने किया था वादा
इस बार जब चांद होगा
अपने पूरे शबाब पर
पूनम की उस उजली रात में
मिलने आएगी उससे
प्रेमी के साथ चांद भी पूरी रात करता रहा इंतजार
और ना सिर्फ सुबह होने तक
बल्कि कई रातों को करता रहा इंतजार
और जलता रहा प्रेम की विरह अग्नि में
देखते ही देखते विरह की वेदना में
प्रेमी का दिल बैठ गया
और चांद का आकार घट गया
अंततः अमावस की रात में
उजला सा चांद अंधेरे में खो गया
जैसे हो जाता है फ़ना
सच्चा आशिक इश्क में
चाँद गवाह है सच्चे प्रेम का
मधुर मिलन का
और विरह का भी